Wednesday, April 22, 2009

यार नहीं होगा यार के होगा विश्वासघात की आशंका

स्थानीय विधानसभा क्षेत्र में कानाफूंसी चल रही है कि जदयू किसे गठबंधन के तहत भाजपा का सौ फीसदी समर्थन मिलना चाहिए वैसा न तो हो रहा है और ना ही अंत तक होगा। क्यों इसके कई उत्तर हैं। दूसरी बात जदयू को अभी भी इस क्षेत्र में अपनी पहचान बनाने के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है जिसके लिए ठोस कार्यकर्ता का कुछ हद तक अभाव भी है।
अन्य पार्टियों से नाराज कार्यकर्ता से इनका काम चल रहा है जो पता नहीं अंत समय में कहां रहेंगे। जबकि कांग्रेस के मौलाना असरारुल हक के साथ फिलहाल कांग्रेसी जी जान से जुटे तो जरूर हैं लेकिन इसमें से कई का संबंध तस्लीमुद्दीन से काफी मधुर रहा है। यह मधुरता कांग्रेस प्रत्याशी के लिए खतरा का कारण अंत समय में बन सकता है।

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