Wednesday, April 1, 2009

कानों-कान प्रचार में एक पार्टी लगा रही जीत का नारा

नेताओं ने प्रचार का तरीका बदल दिया है। एक खास प्रत्याशी के समर्थन में कानों-कान जीत का नारा लगवाया जा रहा। वहीं 15वीं लोकसभा में वोट डालने वाले अभी चुप है। किशनगंज लोकसभा क्षेत्र में लगभग पांच दिनों से कानों में जीत का नारा लगाने वाला एक दल सक्रिय देखा जा रहा है। किसी भी खास जगह,जहां पर माहौल को ले बहस होती है, इस दल के सदस्य जीत का फैसला सुना देते है।
कानों में प्रचार करने वाला यह दल किसी भी प्रकार के तर्क को सुनने को लिए तैयार नहीं है। नेता जी की कमजोर कड़ी की चर्चा करने पर ऐसे गुप्तचर प्रचारक तबाक से कहते है कि क्षेत्र को लोगों का निर्णय हो चुका है,कौन जीतेगा। इसी दल के एक सदस्य से एक मुखिया जी के बैठका में इस घुमन्तू का भी पाला पड़ा। घुमन्तू उनकी बात को सुनने के बाद तर्क रखकर हराना चाहे तो छद्मवेश धारी प्रचारक ने कहा कि ऐसा तर्क हवा-हवाई है ।
फिलहाल प्रचार की यह अनूठी शैली चौक-चौराहों, बैठक-खानों, सार्वजनिक स्थलों,मुखिया, सरपंच ,पंचायत समिति सदस्यों के चौपालों में सुनने को मिल रहा है। घुमन्तू ने इस प्रकार के नारों के असर को मापने लगे तो मतदाताओं ने कहा कि फोटो पहचान पत्र हुई अनियमितताओं को दूर कराने दीजिए।

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