Tuesday, April 21, 2009

लोकसभा चुनाव सिर पर, नहीं रुका पलायन

ध्यान दें इन आंकड़ों पर । मार्च 09 में एक मार्च से लेकर बीस मार्च तक जहां 78 लाख सात सौ सड़सठ रुपये के टिकटों की बिक्री हुई थी वहीं अप्रैल में एक अप्रैल से 19 अप्रैल तक के बीच में 75 लाख 39 हजार पांच सौ अठासी रुपये के टिकटों की बिक्री हुई है। एक दिन में औसतन 4 लाख रुपये के टिकटों की बिक्री होती है।

किशनगंज से रेल के माध्यम से बाहर जाने वालों की संख्या में कमी नहीं आई है, निरंतर वृद्धि जारी है तदनुसार रेलवे के राजस्व में भी क्रम क्रम में वृद्धि जारी है। यह चौंकाने वाली जानकारी चीफ रिजर्वेशन सुपरवाइजर डी।के।उपाध्याय ने दी। इस जानकारी के अनुसार लोकसभा चुनाव जैसे महापर्व के अवसर पर भी इस सीमांचल के लोगों में मतदान करने अथवा इस महापर्व से जुड़े रहने में कोई दिलचस्पी नहीं है। उनकी दिलचस्पी है रोजगार से जुड़े रहने में जिससे अपना भी पेट भरता है तथा परिवार के सदस्यों का लालन पालन होता है।

दिल्ली की ओर जा रहे बहादुरगंज प्रखंड क्षेत्र के शम्सुद्दीन नामक व्यक्ति से जब इस संवाददाता ने महापर्व के अवसर पर दिल्ली जाने के संबंध में पूछा तो उसने साफ बताया बाबू पेट का प्रश्न सबसे बड़ा प्रश्न है वोट से पेट नहीं चलता है। पेट चलता है रोजगार से। रोजगार करने जा रहा हूं दिल्ली।

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