Wednesday, April 15, 2009

धोखा खाकर चुप रहना बुरी बात,कह रही जनता

हमारी कमजोरी रही है कि आज तक हम लोग जिन्हें अपना खेवनहार समझ कर वोट दिए वे ही हमारे नही हुए,कारण धोखा खाकर भी हम गलती करते रहें है। इसी वजह से यह प्रखंड जिले का सबसे पिछड़ा प्रखंड है। नेताओं की चिकनी चुपड़ी बातों के बहकावे में आकर बहुत धोखा खाया परंतु अब नहीं। लोग आपस कहते हैं कि -''इस प्रखंड की आम जनता को मुख्य धारा से जोड़ने से हमेशा वंचित रखा गया।

कई बार आम सभा में यहां नेताओं को यह महसूस कराया गया लेकिन इस प्रखंड का विकास नहीं हुआ''। आगे कहते हैं कि आम जनता और कृषक समाज की हालत दयनीय है। दोहन का सिलसिला जारी है, कुछ भी ठोस उपाय नहीं किया गया। यह कानाफूंसी चल रही है कि हमलोग ऐसे नेता की ताजपोशी करेंगे जिसमें आवाम को भलाई करने की कूबत होगी, जो हमारी समस्याओं से रूबरू होंगे।

धोखा खाना बुरी बात नहीं धोखा खाकर चुप रहना बुरी बात है। वहीं चौपाल में सुनाई दे रहा है -''उपेक्षा का दंश झेल रहा टेढ़ागाछ प्रखंड अब बनवास को नहीं झेलेगा और अपनी आवाज संसद तक पहुंचाएगा। ''

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