Tuesday, April 21, 2009

युवा मतदाता करेंगे हार-जीत का फैंसला

स्थानीय लोकसभा सीट पर 18 से 19 वर्ष के बीच के 11हजार तीन सौ 32 युवा मतदाता पहली बार इवीएम की बटन दबाकर वोट डालेंगे। यह तबका 29 वर्ष तक के दो लाख छह हजार सात सौ 85 मतदाताओं के साथ मिलकर किसी भी प्रत्याशी के भाग्य का फैसला लिख देने की कूबत रखता है,लेकिन राजनीति के चाणक्य उन्हें ऐसा करने दें तब। इस तबके को राजवंशी-वाद, बनवासी-वाद ,आदिवासी-वाद, देवबंदी-वाद, बरेली-वाद में बांटने का राजनीतिक खेल खेला जा रहा है।

गांव से जुड़े लोगों का कहना है कि 18 से 29 तक के अधिकांश मतदाता इस खेल से बेखबर समय प्रदेश में हैं। लोकसभा क्षेत्र में कुल वोट 11 लाख 85 हाजर सात सौ 35 है। जिसमें राजवंशियों का मत उम्मीदवारों के थोक वोटबैंक को भी एक तरफ करवट लेकर प्रभावित कर सकता है। इसकी काट के लिए बेहतरीन फील्ड सजाई गई है। चौका और छक्का रोकने की तैयारी चल रही है। इसे लेकर वोटकटवा चर्चा मेंआ गए हैं। ऐसे प्रत्याशी सिर्फ राजवंशियों के इलाके में घूमकर वोट मांग रहे हैं। उनका लक्ष्य है कि यह तबका गोलबंद होकर किसी एक प्रत्याशी के पाले में नही जाए। परंपरागत रूप से यह वोट भाजपा को मिलता रहा है। इस बार भाजपा यहां पर जदयू को सहयोग कर रही है।

बनवासी और आदिवासी भी भाजपा के समर्थक रहे हैं। इस वोट को भी राजग प्रत्याशी के पाले में जाने से रोकने के लिए राजनीति के चाणक्य अपनी चालें बिछा दी हैं। इसी प्रकार सुरजापुरी-वाद को देवबंदी-वाद और बरेली- वाद की हवा देकर भथुरा बनाने का खेल दिग्गज उम्मीदवार खेल रहे हैं,जिसका प्रभाव युवा मतदाताओं पर भी पड़ेगा।

1 comment:

  1. चुनाव के महौल मे शतरंजी चालें तो चलेगी ही।देखना यह है कि युवा कैसी सोच रखता है।

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