Thursday, April 2, 2009

दीवार की तरह खड़ी है गरीबी उन्मूलन में मंहगी न्याय व्यवस्था

सरपंचों की माने तो गरीबी उन्मूलन में चीन की दीवार की तरह खड़ी है मंहगी न्याय व्यवस्था,जिसके कारण गरीब शोषण को सहकर प्राथमिकी दर्ज कराने नही जाते और जाते है तो उन्हे गवाह नही मिलते और मिलते है तो वो न्यायालय में पलट जाते है। सरपंचों की राय है कि गरीबों को सुलभ न्याय दिलाने के लिए ''चलन्त लोक अदालत या ग्राम अदालत के स्थान'' पर सरपंच अदालत को मजबूत करने वाला विल लोकसभा में पारित कराना चाहिए।

न्यायमित्रों और कचहरी सचिवों को मानदेय को ले डीएम से मिलने आए सरपंचों ने बताया कि वीपीएल परिवारों में वोट डालने को ले सबसे अधिक उत्सुकता होती है। विडम्बना ही है कि इसी तबके की बात लोकसभा में संासद जी नहीं उठाते। एक मुंह से सरपंचों ने कहा कि लोकसभा में विल पारित करके 'एफआईआर' की तफ्तीश करने का अधिकार घटना क्षेत्र के सरपंच और पंचों के बहुमत पर छोड़ देना चाहिए,जैसा कि अमेरिका में ''जूरी'' को है।

इससे सभी को त्वरित न्याय मिलेगा और गरीबों को गवाह खोजने की जरूरत नहीं पड़ेगी। सरपंचों ने कहा कि जो सांसद प्रत्याशी लोकसभा में इस प्रकार का विल लाने के लिए वादा करेगे,सरपंच संघ उन्हीं को वोट डालने के लिए गरीब मतदाताओं को प्रेरित करेगे।

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