Wednesday, April 15, 2009

बिजली विभाग को मार दिया लकवा,उपभोक्ता बेहाल

पूरा जिला ही नहीं बल्कि पूरा बिहार बिजली व्यवस्था चरमराने से त्रस्त है। जिले में विगत 15 दिनों से बिजली की आंख मिचौली से जनता परेशान है। दिन में बड़ी मुश्किल से दो से तीन घंटे बिजली मिल जाय, यह एक सपना लगता है। दिनांक 13 अप्रैल को दिन भर बिजली गायब रही व 14 को आयी भी तो बस एक झलक दिखाकर चली गयी।

गौरतलब हो कि विगत चार माह पूर्व जिले के बेलवा में हमारे बीच पधारे विकास पुरुष सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनता के समक्ष यह एलान किया था कि जिले में 24 घंटे बिजली रहेगी। दो से तीन माह बिजली ठीक रही किंतु फिर वहीं हाल। मुख्यमंत्री जी की बात को बिजली विभाग ने अनसुनी कर दी।

कुछ बुद्धिजीवियों का मानना है कि बिजली विभाग को जैसे लकवा मार दिया हो। अब बात करे तो कुछ दिग्गज नेताओं की जो संसद में जाने हेतु एक दूसरे की पैर खिंच रहे है, वे सभा में ऐलान करते है कि -''बस एक बार मुझे जीता दो फिर हम आपकी सारी समस्याएं सुलझा देंगे''। गौरतलब है कि चुनाव से पहले भी नेताओं ने बड़े बड़े वादा किये किंतु सब॥।

ज्ञातव्य हो कि कुछ नेताओं ने तो यहां तक वादा किया था कि अगर किशनगंज को पर्याप्त बिजली नहीं मिली तो वे भूख हड़ताल पर बैठेगे मगर जनता जानना चाह रही है कि आज वे नेता कहां है? ॥ किसी ने ठीक ही कहा है कि 'वादा कभी न करना वादा तो टूट जाता है'। देखने वाली बात यह है कि जिला प्रशासन भी आजकल चुनाव लेकर व्यस्त है कि उन्हे यह भी पता है कि नहीं जिले में लोग बिजली की अनापूर्ति से रोजमर्रा की जिंदगी कोसते हुए व्यतीत कर रहे है।


इस संदर्भ में कुछ लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया है कि अगर जल्द से जल्द इस निजात समस्या से छुटकारा नहीं दिलाया गया तो उग्र आंदोलन होगा। ऐसे हालात केवल शहर ही नही ठाकुरगंज, बहादुरगंज, दिघलबैंक, टेढ़ागाछ, पोठिया, पहाड़कट्टा, कन्हैयाबाड़ी, कोचाधामन, बिशनपुर ग्रामीण क्षेत्र की भी है।

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