Thursday, April 16, 2009

भूमिहीनों को नहीं दिया गया लखटकिया आवास

''के ओसीए', कौन आया है। 'पाटिर नेता ड ओसिए', पार्टी के नेता जी आएं है। 'चलो देखें ओसेछी', चलो देख आएं। 'अब तक कोई नी ओसिए हमसाक देखवा', अब तक हमें देखने कोई नही आया। 'अरे नेता डा वोट मंगवा ओसिए',अरे नेता जी आएं है वोट मांगने । 'चल देखमूं की कोछे ,बिना जमीन वालार तने गरीबेर वास्ते',चलो देखती हूं,क्या कहते है, हम भूमि- हीनों के लिए। 'बेसी गरीब छे बिना जमीन वाला की जमीनेर मालिक', सबसे अधिक गरीब हैं भूमि-हीन या भूमि मालिक।

स्थानीय सुरजापुरी बोली में यह बातचीत एक सांसद प्रत्याशी के टोले में आने पर नगर क्षेत्र की गरीब महिलाएं आपस में मंगलवार को कर रही थी। मौके पर लगभग सौ से अधिक महिलाएं मौजूद थी। वे ध्यान से नेता जी की बातों को सुन रही थी। सभी में नेता जी को देखने को ले भारी उत्साह था।

नेता जी के भाषण के बीच महिलाएं, आपस में चर्चा भी कर रही थी। इसी बीच नेता जी चले गए और उन्हे देखने आई महिलाएं भी अपने घर की तरफ लौटने लगी और खुसुर-फुसुर कर रही थी कि लाख टकिया आवास जमीन वालों को सरकार बनाकर दे रही है। भूमिहीन के लिए सोच भी नही रही है, नेता जी भी इस पर कुछ आज कुछ नहीं बोले। ऐसे हम लोग अपना वोट किसे दे और किसे चुने नेता..।

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