Tuesday, April 28, 2009

चुनावी हलचल से कोई लगाव नहीं, चिंता है फकत रोटी की

आसन्न लोकसभा चुनाव को लेकर किशनगंज संसदीय क्षेत्र के टेढ़ागाछ प्रखंड के मतदाताओं में कोई खास उमंग नहीं है। यहां के गरीब किसान एवं मजदूर रोजगार के लिए दर-दर की ठोकर खा रहे हैं। पेट की जुगाड़ में उन्हें उम्मीदवारों व कार्यकर्ताओं की चमचमाती गाड़ी में कोई दिलचस्पी नहीं है। बैठक या आम सभा में अब पहली जैसी भीड़ कहां। दाल रोटी की समस्या मुंह बाये खड़ी है, बच्चे गरीबी के कारण शिक्षा और भोजन से महरुम हैें। कौन उम्मीदवार किस पार्टी से खड़ा है,इससे भी मतलब नहीं है।

अब्दुल जलील, तस्लीमुद्दीन्र नइमोद्दीन, करुणा प्रसाद दास, विजय सिंह आदि किसानों ने जागरण को बताया कि हमलोगों की तकदीर झूठे वादों और खोखली योजनाओं से बदलने वाली नहीं है। हमें क्या मतलब है किसी पार्टी से टिकट मिला या नहीं। जागरण के सवाल पर कि कहा कि आप यहां के नागरिक हैं, अच्छी सरकार बनाना आपका दायित्व है।

तब उनलोगों ने कहा कि जो भी नेता आज तक जीत कर गये विकास तो अलग बात है दर्शन दुबारा नहीं किया। दबे मन से कहा सरकार बनाने के लिए वोट जरूर देंगे, 30 अप्रैल को देखा जायेगा। अभी तो अपने और अपने परिवारों के पेट की चिंता है। यहां के मजदूरों ने राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना को छलावा बताया,कहा कि मजदूरी करें आज और पैसा के लिए बैंकों का चक्कर लगायें यह संभव है।

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