Wednesday, April 8, 2009

काटने, बांटने और बचाने की लड़ाई में कूदे महारथी

ऊंट किस करवट बैठेगा। ऐसी हालात लोकसभा क्षेत्र किशनगंज में बन गये है। 15वीं लोकसभा में चुनावी बिसात को पार पाने के लिए मतों को काटने, बांटने, तितर-बितर करने और बचाने के लिए तीन पार्टियों के उम्मीदवार तलवार भांज रहे है। विदित हो कि चौदहवीं लोकसभा चुनाव के समय सीधी लड़ाई भाजपा प्रत्याशी सैयद शाहनवाज और राजद के तस्लीम उद्दीन के बीच थी। जिसमें तस्लीमुद्दीन ने चार लाख तीस हजार से अधिक मत प्राप्त करके जीत दर्ज की थी।
इस समय '15वीं लोकसभा चुनाव में' सैयद शाहनवाज और उनकी पार्टी जदयू के उम्मीदवार के साथ हैं। श्री शाहनवाज को गत लोकसभा चुनाव में दो लाख 59 हजार से अधिक मत मिले थे। सनद रहे कि चौदहवीं लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रत्याशी चुनावी मैदान में नहीं था। पर 15 वीं लोकसभा चुनाव में कांग्रेसी उम्मीदवार के रूप में मौलाना अशरारुल हक खड़े हैं। अब तीनों दलों के दिग्गज उम्मीदवार राजद के श्री तस्लीम, काग्रेंस के श्री अशरारुल व राजग के श्री अशरफ की निगाह किशनगंज लोकसभा का चुनाव जीत कर दिल्ली पहुंचने की हैं। इनके अलावा कई निर्दलीय प्रत्याशी भी मैदान में हैं।
सभी प्रत्याशी अपने समर्थकों के साथ अपने पक्ष में अधिक से अधिक मतदान कराने में और दूसरे प्रत्याशी के पक्ष में कम मत पड़े इसके लिए दांवपेंच लगाने में जुटे है। इसके लिए सभी समर्थकों के जनसंपर्क और जोड़ घटाव की रणनीति बनाने में लगे हैं। अब देखना यह है कि कौन प्रत्याशी अपने पक्षा में कितना अधिक मत डलवा कर दिल्ली पहुंचता है।

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