Monday, October 12, 2009

दलालों के इशारों पर देती हैं इलाहाबाद बैंक ऋण

इलाहाबाद बैंक महीन गांव दलालों के इशारे पर किसी को भी ऋण दे देती है, यहां तक कि मृत व्यक्ति को भी। यह मामला 11 अक्टूबर को ग्राम कचहरी दौला में उजागर हुआ जिसमें मृत व्यक्ति का नाम व जीवित व्यक्ति का फोटो लगाकर दलालो द्वारा रुपए निकाला गया है। जिस व्यक्ति का फोटो लगाया गया है ,वह निरक्षर है। मौके पर मामल को थाने में ले जाने लिए कवायद जारी है। सरपंच दौला मो। इस्लाम ने किसान क्रेडिट कार्ड व पासबुक को दिखाते हुए जानकारी दी कि 18 दिसम्बर 2007 को, 1994 में ही स्वर्ग सिधार गए मो। कलीमउद्दीन पिता विलायत अली ग्राम समदा ग्राम पंचायत दौला को किसान क्रेडिट संख्या 3117208-3099 में 15 हजार रुपए का ऋण साख दी गई है।

सरपंच दौला ने जानकारी दी कि मृत व्यक्ति के नाम सेबैंक द्वारा ऋण देना असाधारण घोटाला है। किसान क्रेडिट कार्ड पर अजहर अली पिता सोयब अली निवासी महीनगांव मोहल्ला सगवनबाड़ी का फोटो और अंगुठा का निशान लगा हुआ है तथा इलाहाबाद बैंक द्वारा जारी पासबुक में से 15 हजार रुपए निकाला गया है, जो बैंक के अधिकारियों व दलालों की मिली भगत के बिना संभव नही है। उधर फर्जी नाम से ऋण निकालने वाले अजहर ने बताया कि वह निरक्षर है।

नाम लेकर जानकारी दी कि बैंक में दलाल उन्हें ले गए थे और अंगुठा लगवाए और रुपए देने का आश्वासन दिए और बार-बार रुपए मांगने पर जब नही दिए तो वह ग्राम कचहरी में मामले को आज ले आया है। इधर सरपंच दौला मो। इस्लाम को काटो तो खून नही। क्योंकि उन्हीं के पिता स्वर्गीय मो। कलीमुद्दीन पिता विलायत अली के नाम से दूसरे का फोटो लगाकर इलाहाबाद बैंक से ऋण निकाला गया है। गौरतलब है कि मामल को थाने में ले जाने की कवायद मौके पर चल रही है और दलाल बीच में ही मामले को रफा-दफा करने के लिए जुटे हुए हैं।

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