Thursday, October 29, 2009

जिले में खुलेआम हो रही है तस्करी

जिले में तस्करी का धंधा परवान पर है। स्थानीय बस अड्डे में खुलेआम चीनी सुपारी का बोरा लगा रहता है। स्थानीय कस्टम विभाग को सूचना देने पर भी मौके नहीं पहुंचते, उस दौरान तस्करों के एजेंटों द्वारा रखे बोरों को अन्यंत्र हटा दिया जाता है। इसी प्रकार प्रतिबंधित फेसीडील सीरप के पांच कार्टून लदे ठेलाभान को जब्त कर कस्टम विभाग ने अपना पीठ थपथपा कर वाह-वाह करता हो। लेकिन सच्चाई है कि किशनगंज से पश्चिम बंगाल व नेपाल के सीमावर्ती प्रखंड़ों में अब इसे भेजा जाता है।
सूत्रों की माने तो छोटा-मोटा परचुनिया का समान जब्त कर कस्टम विभाग समाचार-पत्रों में अपना उपस्थिति दर्ज अपने आलाधिकारी के गुड बुक में बने रहना चाहते हैं,बड़ी मछलिया को अपने गिरफ्त में नहीं लेते । मजे की बात यह है कि ट्रेनों में छापेमारी पटना के विशेष दस्ता द्वारा की जाती है। सिल्लीगुड़ी-अलुआबाड़ी रेलखंड पर ट्रेनों का परिचालन बंद होने के बाद सुपारी तस्करी का सुगम जरिया बस व ट्रक बन गया है। स्थानीय कस्टम पदाधिकारी रेल कर्मियों के असहयोगात्मक रवैया से ट्रेन में छापेमारी नहीं करने की बात कहते हैं । वही रात भर राजमार्ग 31 के किनारे कस्टम पदाधिकारी मार्शल लगाकर केवल आवाम को दिखाने के लिए खड़े रहते है।

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