Monday, October 19, 2009

बच्चों के सर्वागीण विकास के बिना समुन्नत राष्ट्र की कल्पना बेमानी : प्रधानाचार्य

राष्ट्र के बच्चों का जब तक चरित्र निर्माण एंव सर्वागीण विकास नहीं होगा, तब तक राष्ट्र के सर्वागीण विकास की कल्पना ही बेमानी होगी। राष्ट्र के सभी बच्चे ही राष्ट्र की नींव है। राष्ट्र रुपी सुन्दर एंव सुदृढ़ अट्टालिका के निर्माण के लिए यह आवश्यक है कि उसकी नींव मजबूत हो। ये अल्फाज हैं केन्द्रीय विद्यालय के प्रधानाचार्य के.एन.एस. यादव के। श्री यादव चाइल्ड लाइन की किशनगंज शाखा द्वारा केन्द्रीय विद्यालय परिसर में आयोजित विशेष कार्यक्रम में उपस्थित बच्चों के समूह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने बच्चों को चरित्रवान, गुणवान एवं अध्यवसायी बनने की सीख दी तथा उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। प्रारंभ में चाइल्ड लाइन के जिला समन्वयक पंकज कुमार झा, आसिफ अनवर, मुकेश कुमार एवं लिपि पासवान ने अपनी अपनी विचाराभिव्यक्ति से कार्यक्रम के आयोजन की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने लगभग एक स्वर से बताया कि बच्चों एवं किशोरों की शिक्षा किसी राष्ट्र एवं समाज की प्रगति का मुख्य कारण कारक है सूचक है। उन्होंने बताया कि समस्त बच्चों में राष्ट्रीय भावना का होना चाहिए संचार, उनमें होनी चाहिए अटूट एकता एवं एक दूसरे के प्रति सद्भावना, तभी वे एक साथ उठकर संघर्ष कर सकेंगे एवं राष्ट्र की तस्वीर को विश्व मंच की मांग के अनुरूप बदल सकेंगे। उन्होंने बच्चों को आह्वान किया कि एक होकर आवाज लगाओ, एकता का शंखनाद करो एवं अपने कौशल से राष्ट्र की तस्वीर एवं तकदीर बदल डाला। इस कार्यक्रम में इस्ट एंड वेस्ट एजुकेशनल फाउंडेशन एवं बालेंटरी फोरम और एजुकेशन का मार्ग दर्शन भी प्रशंसनीय रहा।

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