Monday, October 26, 2009

हत्या के तीन मामलों को सुलझाने में किशनगंज पुलिस विफल

सुशासन की सरकार सूबे में अपराध नियंत्रण पर चाहे लाख दाव करे, पर किशनगंज जिला की पुलिस हत्या के मामले को सुलझाने में विफल रही है। वैसे डकैती, छिनतई, चोरी, लूटपाट की घटनाएं आये दिन होती रहती है। जिले के पोठिया थाना से महज पांच सौ गज की दूरी में इसी थाना में पदस्थापित चौकीदार बुध लाल अग्रवाल की अपराधियों ने 10 दिसंबर 2008 को घर से ले जाकर बगल स्थित मंदिर के पीछे निर्मम हत्या कर दी। घटना बता रही थी हत्या घर के सामने कर शव को ले जाकर वहां पर छिपाया गया था, रास्ते में रक्त गिरे थे, लेकिन पुलिस आज तक हत्यारा को सलाखों के पीछे तो दूर उसके गिरेबान तक नहीं पहुंच सकी है।

सितंबर माह में पहाड़कट्टा थाना क्षेत्र के खरखरी में भरत लाल यादव का 12 वर्षीय पुत्र की हत्या कर दी गई। जबकि मृतक के पिता ने थाने में तीन दर्जन अधिक परिचित लोगों को नामजद अभियुक्त भी बनाया था। इस मामले में पुलिस अभी तक कोई निष्कर्ष तक नहीं निकाल सकी है है कि हत्या क्यों की गई ? या फिर असली हत्यारा कौन है इसका भी पता पुलिस नहीं लगा सकी है। किशनगंज शहर में डीएम आवास से बीस मीटर की दूरी पर एक दलित बालिका को जिन्दा जलाने के बाद भी अभियुक्तों को गिरफ्तार करने में पुलिस नाकाम रही है।

वहीं कोचाधामन थाना में गिन्नी देवी ने हत्या का मुकदमा दर्ज करवाया है। लेकिन एक सप्ताह से अधिक दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस नामजद अभियुक्तों के खिलाफ कार्रवाई करने में हिचक रही है। जबकि अभियुक्तियों द्वारा वाद के सूचक को धमकाने का मामला भी प्रकाश में आया है। भले किशनगंज पुलिस छोटी-मोटी घटनाओं के अभियुक्तों की गिरफ्तारी कर खुद अपना पीट स्वयं थपा कर वाह- वाह कर रही है, लेकिन हत्या के अभियुक्तों के खिलाफ कार्रवाई में पुलिस की सांसे फूल रही है। वहीं थानाध्यक्षों ने बताया कि सारे मामले में जांच चल रही है। कोई निर्दोष नही फंस जाए, इसलिए विलम्ब हो रहा है।

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