Wednesday, October 28, 2009

हंगामा खड़ा करना मकसद नहीं व विकास है लक्ष्य

सिर्फ हंगामा खड़ा करना हमारा मकसद नहीं, मेरी कोशिश है कि सीमांचल की सूरत बदलनी चाहिए। आइये, इस बदलाव के लिए आज हम सब संकल्प ले एवं एक जुटता के साथ भ्रष्टाचारियों, कालाबाजारियों, विचौलियों व भ्रष्ट तंत्र के खिलाफ मोर्चा खोल दें । ऐसे ही अल्फाजों व शब्दों की बौछार के साथ मंगलवार को स्थानीय मार्केटिंग यार्ड परिसर में सीमांचल विकास मोर्चा के बैनर तले आयोजित हुंकार रैली में दूर-दराज से आये वक्ताओं ने हुंकार भरा एवं वक्त के अनुसार लोगों से अपनी आवाज बुलन्द करने की अपील की। इससे पूर्व क्रांति मोर्चा का विलय सीमांचल विकास मोर्चा में करने का प्रस्ताव भी सर्व सम्मति से पारित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता वी।के।ठाकुर व संचालन कार्यक्रम के संयोजक प्रो। मुसब्बीर आलम ने जोशीले अंदाज में किए।

कार्यक्रम के बतौर मुख्यअतिथि सह मोर्चा के संयोजक व पूर्व केन्द्रीय मंत्री मो। तसलीम उद्दीन भ्रष्टाचारियों को सचेत करते हुए कहा कि सीमांचल में बदहाली के शिकार लोग अब खामोश नहीं बैठेंगे। उन्होंने कहा कि इसी उद्देश्यों को लेकर आज इस कार्यक्रम के माध्यम से क्षेत्र की जनता यहां एकमुश्त शपथ लेने आयी है। ये हुंकार रैली सीमांचल में विकास की एक आगाज है। उन्होंने व्यवस्था पर घोर अफसोस जताते हुए कहा कि अभी तो अंगड़ाई है, आगे जबर्दस्त लड़ाई है। सीमांचल के पिछड़े व शोषितों ने तय किया है कि वे अब चुप नहीं बैठेगें। इसके लिए मोर्चा आखिरी दम तक लड़ाई लड़ेगी एवं लोगों को उसका हक-हकूक दिलवाकर ही चुप होगी।

कार्यक्रम में मोर्चा के अध्यक्ष श्री ठाकुर ने सीमांचल के भौगोलिक दशा-दिशा से लोगों को अवगत कराया एवं कहा कि आज भी यहां के लोग बदहाल व शोषित जिदंगी जी रहे है। हालांकि जनप्रतिनिधियों ने क्षेत्र का नुमाइंदगी तो किया परंतु लोगों के अधिकार को लेकर वे हमेशा दबी जुबान से ही बातें करते रहे, जो अब बर्दाश्त नहीं की जायेगी। सभा को पूर्व मंत्री सरफराज आलम, उस्मान गनी, देवेन यादव, ओमप्रकाश साहा, मुश्ताक आलम, जहूर अकरम, विजय झा, मास्टर मुजाहिद आलम, दानिश इकबाल, नौशाद आलम, प्रो. रामाकांत झा, इजहार अशफी, प्रो. अब्बार आलम, नारायण यादव, क्रांति कुंवर आदि ने भी संबोधित किया।

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