Wednesday, October 14, 2009

खाद्य सुरक्षा मिशन: जागरुकता के अभाव में योजना प्लाप

खाद्यान्न उत्पादकता में आई स्थिरता एवं बढ़ती जनसंख्या को ले गांव-गांव में शिविर लगाया जा रहा है और चार प्रतिशत अधिक उत्पादन का लक्ष्य॥। इसे ले प्रत्येक प्रखंड में स्थान-स्थान पर शिविर लगाकर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन की जानकारी किसानों को दी जा रही है। इससे पहले केन्द्र प्रायोजित इस योजना की जानकारी किसानों को नहीं थी । हालांकि वर्मी कम्पोस्ट योजना कि जानकारी सभी किसानों को है,लेकिन उसके लाभ से अधिकांश लोग वंचित हैं। इस योजना की सफलता के चिन्ह जिले में कही -कहीं दिख रहे हैं ।

सूत्रों ने बताया कि इससे पहले उत्पादन बढ़ाने लिए किसानों से मिट्टी लेकर जांच के लिए नमूना को जिला भेजा गया परंतु महीनों बीतने के बावजूद जांच रिपोर्ट नहीं मिली है। जिससे किसानों को बंजर होती धरती का पता नही है। इस संबंध में टाकुरगंज प्रखंड में मुख्यमंत्री बीज विस्तार योजना के 132 गांवों में दो किसानों को बीज दिया गया है । गेहूं, चावल, दलहन योजना भी प्रखंड में सिर नहीं चढ़ी है । किसी सार्थक प्रयास के अभाव में प्रखंड के किसान गेहूं, चावल एंव तिलहन की फसलों के बदले चायपत्ती, साग सब्जियों के क्षेत्र में ज्यादा रुचि ले रहे हैं। जिस कारण कृषि उत्पादन लगातार घट रहा है।

वहीं क्षेत्र में बहने वाली नदियों के द्वारा होने वाले कटाव के कारण भी क्षेत्र में कृषि योग्य भूमि कम हो रही है। कटाव रोधी एवं सिंचाई के उद्देश्य से बनाई गई महानंदा बेसीन योजना पर कार्य शुरू नहीं होने से क्षेत्र का किसान परेशान हैं। वहीं जिला कृषि पदाधिकारी संतलाल प्रसाद साहा ने बाताया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन की जानकारी इस समय घूम-घूमकर गांव-गांव और शिविर लगाकर दी जा रही है।

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