Tuesday, October 20, 2009

चेरापूंजी कहे जाने वाला किशनगंज में इस वर्ष सबसे कम बारिश

ग्लोबल वार्मिग का असर कहे या और कुछ बिहार के चेरापूंजी के रूप में चिन्हित सीमांचल के ठाकुरगंज से वर्षा रानी रूठ सी गई है। पिछले 11 वर्षो में सबसे कम वर्षा 09 में दर्ज किया जाना तो यही संदेश है कि आने वाले दिनों में खतरा कुछ बड़ा है। मानसून के चार माह जून, जुलाई, अगस्त, सितम्बर में पिछले 11 वर्षो के रिकार्ड को देखा जाय तो इस वर्ष उपरोक्त सभी माह में हुई वर्षा एक अपवाद को छोड़ सबसे कम रिकार्ड की गई। सन 2001 के जून माह में प्रखंड क्षेत्र में केवल 81 मिमी वर्षा हुई जो 09 के जून माह में हई 172।80 मिमी वर्षा से कम रही।

माहवार पिछले 11 वर्षो के रिकार्ड की यदि बात करें जून माह में सबसे ज्यादा वर्षा सन 2000 में रिकार्ड की गई जब 864 मिमी वर्षा हुई। वहीं 1999 में 612 मिमी वर्षा तो पिछले 2008 के जून माह में 509 मिमी वर्षा का रिकार्ड की गई। प्रखंड कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार जुलाई माह में पिछले 11 वर्षो में औसतन रिकार्ड की गई। 2009 का जुलाई माह वर्ष भर सबसे ज्यादा वर्षा वाला महीना रहा। इस माह 588 मिमी वर्षा हुई है। वहीं 2003 का जुलाई माह इस माह के अधिकतम वर्षा के रूप में याद किया जाएगा जिसमें 899 मिमी वर्षा रिकार्ड की गई। वहीं 2005 में केवल 254 मिमी वर्षा हुई। अगस्त माह क्षेत्र के लोगों के लिए सुखद रहा। इस वर्ष अगस्त माह में 366 मिमी वर्षा रिकार्ड की गई । अगस्त महीने के पिछले रिकार्डो को यदि देखे तो 2008 में सर्वाधिक वर्षा 881 मिमी रिकार्ड की गई।

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