Thursday, October 22, 2009

बस स्टेंड चौराहा: ब्रेकर बन जाने के बाद भी नही रुकी दुर्घटना

राष्ट्रीय राजमार्ग 31 पर स्थित बिहार बस स्टैंड किशनगंज चौराहा दुर्घटनाओं का क्षेत्र बन गया है। सड़क पार करने के क्रम में ये हादसे होते हैं। आर-पार होने के लिए बनी सफेद पंट्टी पर यातायात पुलिस और वाहनों के तेज रफ्तार को रोकने के लिए ''कानून को शिथिल करके फोर लेने पर बनाये गए चारों ब्रेकरों पर'' धीरे चलें का चिह्न दर्ज कर देने से जानमाल की क्षति पर अंकुश लग सकता है। गौरतलब है कि यदि पांच महीने के दौरान इसी स्थल पर हुई दुर्घटनाओं के आंकड़ों पर गौर करे तो रोंगटें खड़े हो जाते हैं।
गत 26 मई 09 को अनियंत्रित ट्रक चालक ने तीन मोटर साइकिल सवार को रौंदते हुए निकल गया था। मृतकों में प्रवेज आलम मझिया निवासी, अनवर आलम पिपला और परवेज आमल कटिहार के तेलता निवासी शामिल थे। इसी प्रकार आये दिन छोटी मोटी घटनाएं घटती ही रहती है। सितम्बर माह में तीन दिन के अंतराल में दो दुर्घटनाएं हुए जिसमें एक चालक बुरी तरह से जख्मी हो गया और दो मोटर साइकिल सवार को आंशिक चोंटे आई। बीते मंगलवार की देरशाम एक ट्रक ने पहले से खड़ी आयल -लारी को टक्कर मार दी। यहां बता दें कि बस स्टैंड चौराहा के दूसरे किनारे पर कचहरी, अनुमंडल कार्यालय, निबन्धन कार्यालय, डीएसई कार्यालय, जिला परिषद कार्यालय, डीडीसी कार्यालय सहित अन्यान्य विभागों के दर्जनों कार्यालय स्थित होने के कारण काफी व्यस्त रहता है।
इसके बावजूद फोर लेन से गुजरने वाली वाहन कम से कम सौ की रफ्तार से बस स्टैण्ड चौक को पार करते हंैं। सूत्रों का कहना है कि इसका मुख्य कारण मोबाईल पदाधिकारी द्वारा रपेटना, नकली डीडीओ की सक्रियता, कस्टम विभाग की जांच आदि का भय व आतंक है।

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