स्थानीय थाना क्षेत्र के दौला ग्राम पंचायत राज स्थित समदा गांव के 40 वर्षीय मो। मुस्तफा पिता अब्दुल कायूम अब ट्रैक्टर किसी चमत्कार के बाद ही चला सकेगा। बीस जुलाई 2009 को पड़ोसियों ने उसके सिर पर वार करके कोमा में उसे पहुंचा दिया था। इस समय उसके सिर का घाव ठीक है,लेकिन मस्तिष्क कार्य नही कर रहा है। आज 21 अक्टूबर को भी वह घर पर नही था। उसके सातों बच्चे, पत्नी और अगल-बगल के लोगों ने बताया कि उसका दिमाकी हालात ठीक नही है। गांव-रिस्तेदारी में बौड़ता रहता है। पत्नी और बच्चे कमाकर उसे रूखा-सूखा खिला रहे हैं।
पड़ोसियों ने चन्दा लगाकर उसका सिलीगुड़ी में इलाज कराया और आगे का इलाज राशि के अभाव में ठप है। साथ ही यह भी जानकारी दी कि मारपीट के पहले वह टै्रक्टर चलाकर अपने परिवार का भरण-पोषण करता था। इधर किशनगंज पुलिस मो. मुस्तफा पर जानलेवा हमला करने वालों पर भादवि की धारा 147, 323, 394 व 307 कांड संख्या 204/09 में दर्ज करके अभियुक्तों की तलाश कर रही है। यहां एक मानवीय सवाल उठता है कि पुलिस की प्राथमिकी या भविष्य में गिरफ्तारी या सजा मिल जाने से मो. मुस्तफा, उसके सातों बच्चों और उसकी पत्नी को कानून की तरफ से क्या मिलेगा।
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