Tuesday, October 6, 2009

प्रकृति चुन-चुन कर देती अपराधियों-डकैतों को दण्ड

अपराधी भले कानून से बच जाएं, लेकिन प्रकृति के कानून से नही बच सकता। इस बात का चश्मदीद गवाह है 29 वर्ष पहले कोचाधामन थाना क्षेत्र के बड़ी जान पंचायत स्थित हाजी सेहत अली के घर पर 65 लाख की डकैती। इस घटना में मौत की धमकी मिलने पर परिजन डकैतों को पहचानने से मुकर गए थे लेकिन आज सभी पचीसों डकैतों के घरों में एक भी पूत नही है। कौन कहां है, इसका भी कोई अता-पता नही है। बुजुर्ग-गणों का कहना है कि अधिकांश डकैत मुठभेड़ मारे गए, कई दुर्घटना के शिकार होकर बेमौत मरे और कई का तो आज तक पता नही है कि वे कहां पर हैं। इस संबंध में डकैती का दंश झेल चुके हाजी सेहत अली के पुत्र मुखिया साबिर आलम ने खबर नही बनाने की शर्त पर जानकारी दी कि वे उस समय 10-11 वर्ष के थे। गांव में पांच गन थे। उनके पिता जी के पास भी गन था और सभी गन 1980 के लोकसभा चुनाव को ले थाना में जमा कर लिये गए थे । डकैतों के पास भी गन थे। वे लोग डकैती के दौरान घर रखा 101 कारतूस भी पा गए और उसी से ताबड़तोड़ गोली दाग कर उस समय जमा भीड़ को खदेड़ दिया और सारा सामान जिसकी औसत कीमत उस समय लगभग 65 लाख रुपए था, लेकर चले गए। उन्होंने कहा कि डकैती के दूसरे दिन उन लोगों को केले के पात में भोजन करना पड़ा था।

No comments:

Post a Comment