पूर्व केन्द्रीय मंत्री मो। तसलीम उद्दीन ने मंगलवार को बहादुरगंज में सीमांचल विकास मोर्चा के बैनर तले एक सम्मेलन आयोजित कर अपने विरोधियो को शक्ति का एहसास करा दिया। राजनीति के मजे हुए पुराने खिलाड़ी रहे तसलीम ने विरोधियों के सामने अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कर यह साबित कर दिया कि सीमांचल में अब भी उनका जनाधार बरकरार है। उन्होंने एक तीर से दो निशाना साधते हुए जहां अप्रत्यशित भीड़ जुटा अपने पुराने कार्यकर्ताओं को अपने खेमे में लाने में सफल रहे वहीं विरोधियों को सोचने को मजबूर कर दिया। परोक्ष में कहे तो यह रैली आगामी विधान सभा चुनाव की तैयारी के रूप में देखा जा रहा है। जिले के विभिन्न प्रखंडों के कद्दावर नेताओं का उनसे जुड़ाव सीमांचल मोर्चा को ऊर्जा प्रदान कर रहा है जो स्थानीय प्रतिनिधियों को आने वाले चुनाव में कड़ी टक्कर देने की संभावना है।
एक ओर जहां श्री तसलीम ने स्थानीय समस्याओं की बात कर आम जनता के दिलों में दस्तक दी है। दूसरी ओर अफरशाही, भष्टाचार जैसे मुद्दों को उठाकर विरोधियों को सकते में डाल दिया है। उधर हुंकार रैली, मशाल जूलूस व नुक्कड़ सभा के जरिये गरीब जनता को उनके अधिकार का एहसाह कराते हुए हक व हकूक की लड़ाई लड़ने के लिए मोर्चा के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने का आह्वान किया है। बरहाल यह कयास लगाना मुश्किल है कि श्री तसलीम कोई राष्ट्रीय पार्टी में जाते या फिर सीमांचल विकास मोर्चा के बैनर तले ही किशनगंज, अररिया, पूर्णियां, कटिहार, सुपौल, मधेपुरा जिलो में आगामी विधान सभा चुनाव में अपना प्रत्याशी खड़ा कर एक बड़ी शक्ति के रूप में उभरने की प्रयास करेंगे।
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