बांग्लादेश से लगभग 15 किमी और नेपाल की सीमा से सटे किशनगंज जिला में 18 थाने है जिसमें से नौ थाने नेपाल सीमा के बिल्कुल करीब हैं। सुखानी, दिघलबैंक तथा फतेहपुर थाना नेपाल सीमा से महज सौ फ्लांग की दूरी पर स्थित है। जिला के 15 थाना पक्का भवन तथा चाहरदीवारी से घिरे हैं, जहां पर विशेष परिस्थिति में सुरक्षा के लिए वाच टावर है। वहीं ब्रिटिश समय के बने झोपड़ीनूमा मकान में चल रहा गड़बड़डांगा थाना कार्यालय, एक स्कूल भवन में चल रहा फतेहपुर थाना और झोपड़ी में स्थित बीबीगंज थाना के लिए भी भवन बनकर तैयार है शिफ्टिंग की बस देरी है। दूसरी ओर हथियारों की सुरक्षा के लिए अलग से कोई भवन नहीं है, बल्किआरक्षी बैरेक में ही हथियारों को रखा जाता है। इन आरक्षी बैरकों की भी स्थिति सभी थानों में अच्छी नहीं है। पेाठिया तथा ठाकुरगंज में बैरकें जर्जर हैं। नेपाल सीमा से सटे गलगलिया, जियापोखर, पाठामारी तथा कुर्लीकोर्ट में बैरेक निर्माण के लिए राशि स्वीकृत होने की पुष्टि ठाकुरगंज इंस्पेक्टर सत्यनारायण सिंह ने की है। सम्प्रति लोगों की सुरक्षा के लिए रात्रि गश्ती का सिलसिला अनवरत जारी है। देशद्रोही तथा माओवादी तत्वों के लिए समय समय पर प्रवेशद्वार के लिए चर्चित रहने वाला इस क्षेत्र के किसी भी थाना में बंकर की व्यवस्था नहीं है जिससे अप्रिय घटना के समय बचाव एवं प्रहार के लिए पुलिस सुरक्षा तंत्र बंकर का इस्तेमाल कर सके। इस बावत किशनगंज के पुलिस अधीक्षक चौरसिया चंद्रशेखर आजाद का कहना है कि जिले के सभी थाने पूर्णत: सुरक्षित हैं और यदि पुलिस के साथ पब्लिक भी हमेशा चौकन्ना, जागरूक एवं कदमताल मिलाकर रहे तो कभी कोई मुसीबत सामने नहीं फटकेगी।
Thursday, February 11, 2010
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