Wednesday, February 10, 2010

किशनगंज के कायाकल्प के लिए अधर में लटकी महत्वपूर्ण योजनाएं

बिहार के पूर्वोत्तर सीमांत पर स्थित शिक्षा एवं गरीबी की दृष्टि से सर्वाधिक पिछड़े जिले में जब तक कुछ खास बिन्दुओं पर ध्यान नहीं दिया जायेगा तब तक किशनगंज का कायाकल्प नहीं होगा। जिला प्रशासनिक सूत्रों तथा विशिष्ट जनों से प्राप्त जानकारी के अनुसार किशनगंज में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की समेकित योजना को जब तक यहां लागू नहीं किया जायेगा तब तक इसे सर्वाधिक उपजाऊ क्षेत्र में कृषि के क्षेत्र में न तो क्रांति आयेगी और न गरीबी दूर होगी। जिले की कृषि योग्य 90 प्रतिशत भूभाग छोटे-छोटे किसानों एवं मध्यम वर्ग के किसानों का कब्जा है। कृषि योग्य भूमि टुकड़ों में बंटी है। फलत: वैज्ञानिक दृष्टि से बड़े पैमाने पर खेती नहीं हो पा रही है। पर्याप्त उर्वरा शक्ति के रहते हम कृषि की अच्छी फसल नहीं पा रहे हैं। समेकित योजना लागू हो जाये तो क्षेत्र का कायाकल्प हो जाय।


किशनगंज में जूट, चाय, मलवरी एवं अदरक आधारित उद्योगों की स्थापना हो जाय जिसके लिए यहां पर्याप्त कच्चा माल, सस्ते मजदूर एवं सस्ती जमीन उपलब्ध है तो किशनगंज का कायाकल्प हो जाएगी। जूट एवं चाय उत्पादन के क्षेत्र में किशनगंज की तुलना में बिहार का कोई दूसरा जिला नहीं है। लेकिन किशनगंज में पिछले चार दशकों से जूट मिल खोलने की योजना विफल होती रही है। एक बार सत्तर के दशक में तत्कालीन मुख्यमंत्री डा। जगन्नाथ मिश्रा ने जूट मिल की आधार शिला रखी थी। फिर लगभग तीन वर्षो के बाद तत्कालीन केन्द्रीय कृषि मंत्री सैयद शाहनवाज ने केन्द्रीय मंत्रियों की फौज के साथ जूट मिल की आधार शिला रखी थी लेकिन जूट मिल झूठ मिल का पर्याय बना।

जूट मिल खुल जाने से जूट उत्पादन को मिलेगा बढ़ा कर मजदूरों को मिलेगा रोजगार एवं उत्पादकों को मिलेगा उचित मूल्य जिससे होगा कायाकल्प। इसी प्रकार इस क्षेत्र को टी सीटी घोषित कर इसमें हरित पत्ती चाय उत्पादन को प्रमुखता प्रदान करने के लिए एवं उत्पादकों का उचित दिलाने के लिए जिले में हरित क्रांति लाने के लिए कम से कम पांच और टी प्रोसेसिंग प्लांट खुल जाये जिसके लिए सरकार प्रोत्साहन दे तो क्षेत्र का हो जायेगा कायाकल्प। मलवरी उत्पादन के क्षेत्र में भी जिला बिहार में पांच वर्ष से अव्वल है।

इसी प्रकार प्रधानमंत्री की योजना के तहत बिहार सरकार किशनगंज को विशेष आर्थिक जोन घोषित करे तो किशनगंज का हो जायेगा कायाकल्प। ऐसा होने से जिस प्रकार निकटवर्ती सिलीगुड़ी का हो गया कायाकल्प उसी प्रकार बिहार के किशनगंज का हो जायेगा कायाकल्प। पूर्वोत्तर के सात राज्यों का किशनगंज है प्रवेश द्वार। उनके साथ ही बढ़ेगा व्यापार। जिला में निजी क्षेत्र में चल रहे मेडिकल कालेज इंजीनियरिंग कालेज एवं पोसिटेनिक आदि संस्थानों के उत्थान हेतु सरकार भी कृत संकल्प तभी इस क्षेत्र का हो जायेगा कायाकल्प।

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