Tuesday, February 9, 2010

बगलबाड़ी पुल के टूट जाने से पचास हजार की आबादी प्रभावित

कोचाधामन प्रखंड के डी।बी. 50 सड़क को जोड़ने वाला बगलबाड़ी पुल के टूट जाने से कोचाधामन सहित अररिया-पूर्णिया का आवागमन पूर्णत बाधित है। करीब पचास हजार की आबादी के बीच में भारी आक्रोश है जिसे लेकर डाकुपाड़ा में ग्रामीणों ने आठ फरवरी को प्रदर्शन किया। इधर आज सुबह पंचायत समिति सदस्य प्रतिनिधि सह समाज सेवी मास्टर मुजाहिद ने अपने सहयोगियों को लेकर दो ह्यूंम पाइप डालकर पीडब्लूडी के ध्वस्त बगलबाड़ी पुल के बगल से ट्रैक्टर जैसे वाहनों को आने-जाने के लिए काम चलाऊ बाइपास बना दिया है।

वहीं ध्वस्त पुल के नजदीक ग्रामीणों ने भी चचरी का पुल बनाकर पैदल तथा मोटरसाइकिल सावारों की असुविधा को दूर करने का प्रयास किया है। वहीं पीडब्लूडी के कार्यपालक अभियंता योद्धन चौधरी ने बताया कि बाइपास बनाने का अनुमति मिल गई है। इस कार्य के लिए मौके पर दो ट्रैक्टर लगा दिया गया है। उधर काठामाठा के पूर्व मुखिया सह वरिष्ठ किसान इजहार अशरफी ने बगलबाड़ी पुल को ट्रक सहित नदी में गिरने के लिए जिला प्रशासन और परिवहन विभाग को जिम्मेवार ठहराते हुए कहा कि पश्चिमी क्षेत्र में स्थित कोचाधामन प्रखंड के लगभग 12 पंचायतों के लोगों को सिलीगुड़ी या जिला मुख्यालय जाने के लिए वायसी व वैसा होकर जाने के लिए विंवश हैं जिससे आवाम भारी आक्रोश है । उन्होंने शीघ्र ही बगलबाड़ी पुल की मरम्मत कराने की जिला प्रशासन से मांग की। इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सादिक समदानी ने बताया कि स्क्रू पाइल पुल का बीम काटकर चोर उठा ले गए हैं।

उन्होंने कहा कि आज मौके पर देखने को मिला कि छह पीलरो का बीम चोर काटकर उठा ले गए हैं। वहीं भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश सदस्य सह हिम्ममतनगर के पूर्व मुखिया मशकूर आलम ने कहा कि यदि विपक्ष के नेताओं को पुल की दयनीय हालात और स्कू पाइल पुल के पीलर के बीम की चोरी की जानकारी थी तो उसके लिए धरना प्रदर्शन करना चाहिए था, न की आवेदन देकर चुप रहना था। वहीं मुखिया संघ के प्रवक्ता सह कांग्रेस के उपाध्यक्ष पिन्टू चौधरी ने कहा कि मात्र बीस वर्ष में ही बगलबाड़ी स्क्रू पाइल पुल ट्रक सहित पानी में टूटकर गिर गया। इसके लिए तत्कालीन इंजीनियर भी जिम्मेवार है जिसकी जांच होनी चाहिए। वहीं विभाग का कहना है कि बगलबाड़ी पुल 60-65 टन माल लेकर चलने वाहनों के लिए नहीं बना था। पुल की हालात की समीक्षा करके दस टन से अधिक भार लेकर चलने पर रोक लगा दिया गया था, जिसका अनुपालन डीटीओ, एमबीआई और मोबाइल को कराना था। साथ ही यह जानकारी दी कि पुल सहित मझिया धार में समा गए दस चक्के के ट्रक में 60 से 65 टन सड़क निर्माण सामग्री लदी हुई थी ।

No comments:

Post a Comment