Thursday, February 18, 2010

पशु तस्करों के गिरेवां तक नहीं पहुंच पा रहे सुरक्षा एजेंसी के हाथ

तमाम सुरक्षा एजेंसियों की किशनगंज में प्रतिनियुक्ति के बावजूद भयानक रूप से जारी पशु तस्करी चिंता का विषय है। क्योंकि तमाम एजेंसियां कारगर कदम उठाने एवं संतोषजनक परिणाम प्राप्त करने निहायत ही बौनी साबित हो रही है। स्थिति की गंभीरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 24 जनवरी 2010 की रात को राष्ट्रीय राजमार्ग 31 पर मनोरा से बैठक कर वापस आ रहे पश्चिम बंगाल के ग्वालपोखर के विधायक अली इमरान रम्ज उर्फ विक्टर के बोलेरो गाड़ी को पीछे ट्रक नंबर 17 बी। 0537 कुचलने का प्रयास किया था । इस घटना की विधायक ने मोबाइल पर किशनगंज थाना को दी। सूचना मिलते ही थानाध्यक्ष ने दल-बल के साथ बिहार बस स्टैंड के समीप एक तस्कर सहित उक्त ट्रक को जब्त कर लिया और तलाशी के दौरान ट्रक से तस्करी कर ले जा रहे 19 बैल को पुलिस ने बरामद किया था। गिरफ्तार तस्कर सिराजुद्दीन ने स्वीकारा कि प्रतिदिन डंगराहा और दालकोला से दो दर्जन ट्रक मवेशी से भरा किशनगंज के होते पश्चिम बंगाल के सोनापुर और आसाम के रास्ते बंाग्लादेश भेजा जाता है। उन्होंने पांजीपाड़ा के कई तस्कर सहित सफेदपोशों के नामों का खुलासा भी किया था। किंतु पुलिस की कार्रवाई महज एक रश्मअदायगी भर ही रह गई।

हैरत की बात यह कि डंगराहा बायसी, दालकोला एनएच 31 के किनारे खुलेआम पशुओं को ट्रकों में भरा जाता है। जिन पर संबद्ध अधिकारियों एवं सुरक्षा एजेंसियों की नजर पड़ना लाजिमी हैं। किंतु बेखौफ पशु तस्कर दिन-दहाड़े ट्रकों पर मवेशी लोडकर किशनगंज के रास्ते बंाग्लादेश बार्डर पहुंचा देते है। स्थानीय प्रशासन एवं संबद्ध सुरक्षा एजेंसियां तस्करों के समक्ष बेवस व लाचार दीखती है। यह दशा तस्करों की उंची पहुंच की ओर संकेत करती दिख पड़ती है। आने वाले दिनों में तस्करों के बढ़ता प्रभाव क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था के लिए गंभीर समस्या पैदा कर सकता है। प्रशासन के नाक के नीचे से प्रतिदिन लगभग दो दर्जन ट्रकों में मवेशी भर किशनगंज से गुजरता है, जिन पर किसी का कोई नियंत्रण नहीं है। सुरक्षा एजेंसियां तस्करी की उंची पैठ के सामने घुटने टेक दी है। नाम नहीं छापने के शर्त पर पुलिस के एक अधिकारी ने अपनी विवशता जाहिर करते हुए उपरोक्त बात की पुष्टि की। उन्होंने इशारे-इशारे में कहा कि तस्करों के उंचे रसूख के कारण हम जैसे छोटे अधिकारी के हाथ उनके गिरेवां तक नहीं पहुंच पाती। वहीं इस संबंध आरक्षी अधीक्षक डा. चौरसिया चन्द्रशेखर आजाद ने स्थिति की गंभीरता से लेने एवं पशु तस्करों पर नकेल कसने का आश्वासन दिया है।

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