Monday, February 15, 2010

जमीअत करती है आंतकवाद का विरोध

जमीअत-ए-उलेमा-ए- हिन्द आतंकवाद का खुलकर विरोध करती है तथा मुसलमानों को सच्चर कमेटी और रंगनाथ मिश्र आयोग द्वारा की अनुशंसा को लागू करने की मांग करती है। यह बात स्थानीय फारिंग गोला में वक्ताओं ने कहीं। वे लोग 13 फरवरी को जमीअत उलेमा किशनगंज के तत्वावधान में एक दिवसीय न्याय प्राप्ति विशाल सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि राज्यसभा सदस्य मौलाना महमूद असद मदनी, स्थानीय विधायक अख्तरुल ईमान, जिला परिषद अध्यक्ष फैयाज आलम,उपमुख्य पार्षद सह वरिष्ठ भाजपा नेता त्रिलोक चन्द्र जैन, पूर्व विधायक डा.जावेद आजाद
जमीअते उलेमा हिन्द के अध्यक्ष मौलाना सैय्यद कारी उसमान, मुफ्ती जावेद इकबाल, चौधरी सिद्दीकुल्ला, मौसाना नियाज फारूकी, मौलाना हयातुल्ला तथा जमीअते उलेमा के महासचिव मौलाना अब्दुल, मास्टर मुजाहिद, उसमान गणी, मतीउर रहमान, जाहिदुर रहमान आदि ने सम्मेलन को मुख्य रुप से संबोधित किया। इस दौरान वक्ताओं ने किशनगंज जिले में अलीगड़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की शाखा स्थापित करने की भी पुरजोर वकालत की और कहा कि मुसलमान समाज शिक्षा के क्षेत्र में सबसे निचले पायदान पर खड़ा है। जिसे सामाजिक बराबरी के दर्जा दिलाने के लिए आरक्षण की जरूरत है। बिहार के मुख्यमंत्री से वक्ताओं ने सच्चर कमेटी और रंगनाथ मिश्र आयोग की रिपोर्ट लागू करने की मांग करते हुए बताया कि आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल सरकार ने मुसलमानों का आरक्षण दे दिया है जिसके राह में अभी कांटे ही कांटे बिछे है। मंच से उलमाएं हिन्द के वक्ताओं ने संकल्प दोहराया कि आरक्षण लागू होने तक वे लोग आरक्षण को लेकर संघर्ष करते रहेंगे तथा बताया कि मुसलमानों की माली हालात से सरकारों को जमीअत उलेमाए हिन्द सदैव अवगत कराती रही है, जिसके कारण दोनों सच्चर कमेटी और रंगनाथ मिश्र आयोग कमेटी का गठन किया गया। सम्मलेन की अध्यक्षता मौलाना इद््ररीश और मंच का संचालन हाजी अब्दुस सुभान ने किया।

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