Thursday, February 12, 2009

सीएम अंकल मुझे बचा लो,दिल में छेद है

सीएम अंकल मुझे बचा लो, मेरे दिल में बड़ा छेद है। स्थानीय धरमगंज मुहल्ले की नन्हीं मीठी इन दिनों यही रट लगाये सीएम अंकल के यहां आने का इंतजार कर रही है। तीन वर्षीया मीठी के दिल में बड़ा छेद है और उसकी इस बीमारी के कारण उसके निर्दयी पिता ने उसे छोड़ दिया है। इलाज के लिए बैंगलोर गयी मीठी को उसके पिता ने स्टेशन पर ही छोड़कर मुंह मोड़ लिया और आज तीन वर्षों से मीठी पिता के प्यार के लिए हर पल तरस रही है।
मीठी को तो अब यह भी पता नहीं कि उसकी जिन्दगी कितनी बची है। मीठी की मां मिली बताती है कि 27 जून 2004 को कसबा निवासी राम प्रसाद अग्रहरि से उसकी शादी हुई थी। शादी के बाद से ही वह ससुराल वालों के अत्याचार की शिकार होती रही। पति व ननद के आतंक की साया में वह हर पल घुट-घुट कर जीती रही। फिर मीठी का जन्म हुआ और बेटी जनने के कारण उसे और भी यातनाएं दी जाने लगी। इस बीच नन्हीं मीठी की तबीयत खराब हो गई।
डाक्टरों ने बताया कि उसके दिल में बड़ा छेद है उसे बैंगलोर ले जाना होगा। इसके बाद वह अपनी बेटी को लेकर पति के साथ बैंगलोर तो गयी लेकिन उसके पति इलाज में पैसे के डर से उसे स्टेशन पर ही छोड़कर पुड़िया खाने के बहाने भाग खड़े हुए। फिर वह किसी तरह बैंगलोर के साई बाबा हास्पिटल में बच्ची को दिखाकर वापस आयी और जब वह अपने ससुराल गयी तो ससुराल वालों ने उन्हे मारकर भगा दिया।
अब वह पैसे के अभाव में अपनी प्यारी बेटी का इलाज भी नहीं करा पा रही है। वह बिहार राज्य महिला आयोग व मुख्यमंत्री जनता दरबार पटना में भी न्याय के लिए गुहार लगा चुकी है। अब उन्हे किशनगंज में मुख्यमंत्री से न्याय की आस है। अपने को अभागी मानती हुई बड़ी दुखी मन से मिली कहती है कि समाज में बेटी को जन्म देना आज भी अपराध ही है।

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