Monday, February 9, 2009

लुई ब्रेल ने दी दृष्टि बाधित विद्यार्थियों को नई रोशनी

फ्रांस की राजधानी पेरिस के निकट स्थित चार जनवरी 1809 को जन्में और एक घटना में दृष्टि खो देने के बाद लुई ब्रेल ने ब्रेल लिपि बनाई जिससे आज विश्व के दृष्टि बाधित बच्चों को पढ़ने की इच्छा पूरी हो रही है। किशनगंज जिले के भी सौ से अधिक बच्चों को ब्रेल लिपि के माध्यम से पढ़ाना सिखाया जाएगा।
यह जानकारी स्थानीय बीआरसी भवन में बातचीत के दौरान ब्रेल लिपि के प्रशिक्षक सत्य नारायण सिंह, वीरेन्द्र कुमार झा एवं नरेश कुमार ने दी और बताया प्रत्येक प्रखंड से चयनित शिक्षकों को 20 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने एक सवाल पर जानकारी दी कि एक सर्वेक्षण के मुताबिक जिले में सौ से लेकर 140 विद्यार्थी ऐसे है जो दृष्टि विहीन है,सभी को ब्रेल लिपि से ज्ञान अर्जित कराने के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है।
प्रखंड संसाधन केन्द्र किशनगंज के समन्वयक अशफाक आलम ने बताया कि ब्रेल लिपि सीख जाने के बाद दृष्टि हीन बच्चे भी सामान्य बच्चों की तरह पढ़कर ज्ञान अर्जित कर सकेंगे। इस अवसर पर उत्क्रमित मध्य विद्यालय डहुआबाड़ी का छात्र युगल किशोर हरिजन ने ब्रेल लिपि को पढ़कर सुनाया,जो अत्यंत सुखद लगा।

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