वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने जिस ढंग से बजट पेश किया है उससे आम जनता को विश्ेाष कर वेतनभोगी कर्मचारियों को घोर निराशा ही मिली है। छठे वेतन आयोग के माध्यम से सरकार ने एक ओर वेतन वृद्धि की है तो दूसरी ओर आयकर की सीमा में कोई वृद्धि न कर वेतनभोगियों की पाकेट पर करारा प्रहार कर दिया है।
एक तरफ से दिया है तो दूसरी तरफ से वसूलने का रास्ता खुला रखा है। अब चतुर्थवर्गीय कर्मचारी भी आयकर की दायरे में आ जायेंगे। नाम नहीं छापने की शर्त पर यह जानकारी एक वरीय सरकारी कर्मचारी ने दी। दूसरी ओर आम जनता की ओर से विश्वकर्मा प्रसाद, प्रो। मायाकांत झा, श्रीमती नूतन, संगीता कुमारी, सेवानिवृत पदाधिकारी ओमप्रकाश साहा समेत कई दर्जन शिक्षक, महिलाओं एवं वेतनभोगी कर्मियों ने बजट पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
इनलोगों ने बताया कि आम आदमी की दुहाई देनेवाली सरकार ने आम आदमी को ही कुछ नहीं दिया। न महंगाई कम करने के संबंध में कोई कार्रवाई की गई है, न बेरोजगारों को रोजगार देने संबंधी किसी योजना की घोषणा ही हुई है। यह बजट आम आदमी के लिए गला घोटू बजट है।
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