Monday, February 16, 2009

डाकूपाड़ा गांव बना रहमत पाड़ा

मुख्यमंत्री का जनता दरबार पूर्व के राजस्व ग्राम डाकूपाड़ा में आयोजित था किन्तु मुख्यमंत्री के आने के पूर्व इस गांव का नाम यहां के जिलाधिकारी फिराक अहमद ने रहमत पाड़ा कर दिया। इसकी घोषणा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनता दरबार में की। उन्होंने डीएम को यह निर्देश दिया कि आवश्यक कागजी कार्रवाई कर राज्य सरकार के रिकार्ड में भी इस गांव का नाम रहमत पाड़ा करवायें।
बड़ीजन पंचायत के पूर्व मुखिया मुश्ताक आलम व बुजुर्ग अब्दुल गफूर ने बताया कि वर्षों पूर्व डकैतों ने इस गांव के हर घर में एक ही रात डाका डाला था। उस समय से इस गांव का नाम डाकपाड़ा था पड़ा। बाद में बोल-चाल की भाषा में इसे डाकूपाड़ा कहा जाने लगा। उधर, कुछ लोगों का कहना है कि महानंदा नदी के समीप बसे इस गांव में प्राचीन काल में आबादी बहुत कम थी। छीन-छोर की अधिक घटनाएं होने के कारण लोग इसे डाकूपाड़ा कहने लगे। इधर, पुलिस निरीक्षक अरविन्द कुमार सिंह का कहना है कि डाकूपाड़ा का इलाका शांत क्षेत्र है।
पुलिस के पुराने अभिलेखों में भी यहां अपराध की घटनाएं नहीं होने का उल्लेख है। फिर भी इस क्षेत्र का नाम डाकूपाड़ा कैसे पड़ा, यह समक्ष से परे है। इधर राजद समर्थकों का कहना है केन्द्रीय राज्यमंत्री तसलीम उद्दीन ने पूर्व में ही इस गांव का नाम रहमतपाड़ा कर दिया था। उन्होंने लालू मंत्रिमंडल में भवन निर्माण मंत्री रहते हुए वहां एक चबूतरे का निर्माण कराया था जिस पर रहमत पाड़ा अंकित कराया था।

No comments:

Post a Comment