Friday, February 6, 2009

कर्मचारियों की हड़ताल से स्वास्थ्य सेवा प्रभावित

विभिन्न कर्मचारी संगठनों द्वारा लंबी अवधि से चल रही हड़ताल का सर्वाधिक प्रतिकूल प्रभाव स्वास्थ्य सेवा पर पड़ा है। कर्मचारियों के हड़ताल पर रहने से अस्पताल में आने वाले मरीजों की संख्या में काफी कमी आई है। केवल इमरजेन्सी आये में आये मरीजों को चिकित्सा सुविधा मिल पाती है लेकिन आउटडोर में आने वाले मरीजों को निराश लौटना पड़ता है।
इस संबंध में पूछे जाने पर सिविल सर्जन डा। आई.डी रंजन ने भी बताया कि आउटडोर लगभग बंद है डाक्टर आते है,लेकिन कर्मचारी नहीं,फलत: आउटडोर का संचालन संभव नहीं है। डा रंजन ने बताया कि लेकिन इमरजेन्सी केस जैसे दुर्घटना व प्रजनन आदि मामले में उसका निष्पादन किया जाता है,एक्सरे आदि की सुविधा मरीजों को नहीं मिल पाती है।
उन्होंने बताया कि वैसे तो पूरे जिले में अधिसंख्य स्वास्थ्यकर्मी हड़ताल पर है लेकिन जो नवनियुक्त चतुर्थवर्गीय स्वास्थ्यकर्मी है या जो अवकाश प्राप्ति की दहलीज पर है वे ही कार्यरत है। इधर युसूफ,अनवर दिलशाद, मोहन, शमीम आदि कई मरीजों ने अस्पताल गेट पर जागरण को बताया कि हड़ताल के कारण हमलोगों को बड़ी परेशानी हो रही है वे लोग अपनी चिकित्सा हेतु आउटडोर में आये थे, लेकिन उन्हे निराश लौटना पड़ रहा है यहां न डाक्टर की सुविधा है और न दवा मिली।
हड़ताल के कारण दवा दुकानों की बिक्री बढ़ने संबंधी सवाल पर दुकानदार कुछ भी बोलने से परहेज करते हुए सिर्फ इतना कहा कि जिले में सैकड़ों दुकानें है ,मरीजों की अपनी-अपनी पसंद है वे जहां चाहते है दवा खरीदते है।

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