Monday, February 16, 2009

विकास यात्रा के नाम पर सीएम करते मनोरंजन : अख्तरूल

विकास यात्रा के नाम पर मुख्यमंत्री गांवों में ढोल बजाकर मनोरंजन करते है न कि विकास। इससे गरीबों का भला कतई संभव नहीं है। यह बातें स्थानीय विधायक अख्तरूल इमान ने सीएम के विकास यात्रा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कही। श्री इमान ने कहा कि मुख्यमंत्री यदि गरीबों के हितैषी है तो बिना किसी सूचना के किसी भी प्रखंड के किसी भी पंचायत में अचानक पहुंच कर सुशासन का जायजा लेते ही पता चलता की भ्रष्टाचार और अफरशाही का आलम।
मुख्यमंत्री के पूर्व निर्धारित कार्यक्रम को ले जिला प्रशासन गांव को सजावट का तिरपाल ओढ़ाकर उन्हे भी गुमराह करने से बाच नहीं आते। लेकिन इससे परे गरीबों की गाढ़ी कमाई को वे पानी की तरह बहा रहे है। उन्होंने कहा कि सीएम से यहां के लोगों को उम्मीदें बंधी थी कि आईआईटी कालेज व जूट मिल खोलने का। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ । पूर्व के योजनाओं का शिलान्यास व उद्घाटन कर लोगों को गुमराह किया गया है।
श्री इमान ने कहा कि जनता उनकी विकास यात्रा के बारे में सबकुछ जान चुकी है और उसे यह भी मालूम है कि किस तरह सरकारी खजाने को मनोरंजन में उड़ा रहे है। श्री ईमान ने कहा कि जहां सरकार महिला सशक्तीकरण की बात करती है वहीं एक महिला मुखिया पर इंदिरा आवास के मामले में खुद सीएम प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश देते है।
क्या इंदिरा आवास के आवंटन में पंचायत सचिव, बीडीओ व अन्य पदाधिकारी जांच नहीं करते। मात्र मुखिया के अनुशंसा पर ही राशि भुगतान हो जाता है। यह एक अहम सवाल है। उन्होंने कहा कि खजाने का मालिक अफसरान होते है। कार्रवाई यदि सीएम को करना ही था तो अफसरों पर करनी चाहिए। उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा कि डाकूपारा का नाम तीन वर्ष बिहार सरकार में पूर्व तत्कालीन भवन निर्माण मंत्री वर्तमान में भारत सरकार के केन्द्रीय राज्य मंत्री तसलीम उद्दीन ने बदलकर रहमत नगर किया था।

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