Tuesday, February 2, 2010

स्वर्गीय मतीन थे एक अंजुमन, जलाया इल्म का चिराग :सांसद

स्वर्गीय अब्दुल मतीन सलाफी एक अंजुमन थे। उन्होंने इल्म और दीनी चिराग गरीब बस्तियों में जलाकर जो काम शुरू किया था,उसे और आगे बढ़ाने की जरूरत है। मैं जोर देकर कहना चाहता हूं कि भ्रष्टाचार की जननी लोभ-लालच है जिसे धार्मिक शिक्षा देकर ही दूर किया जा सकता है, जिस काम को मदरसा के शिक्षक कर रहे हैं और मतीन जी भी अपनी अनूठी सोच से यहीं काम कर रहे थे। यह बात स्थानीय सांसद मौलाना असरारुल हक कासमी ने कहीं। वे 31 जनवरी को स्थानीय तौहीद इजूकेशनल ट्स्ट में स्वर्गीय अब्दुल मतीन सलाफी पर आयोजित सेमीनार को संबोधित कर रहे थे। सेमीनार की अध्यक्षता स्वर्गीय मतीन के पुत्र मतीउर रहमान ने किया।
सेमीनार को सांसद श्री हक के अलावा विधानपार्षद डा। दिलीप कुमार जायसवाल,नप उपाध्यक्ष त्रिलोक चन्द्र जैन,आल इंडिया यूथ के कांग्रेस दिल्ली के सचिव अब्दुल गांधी, आल इंडिया यूथ कांग्रेस के महासचिव अब्दुल हन्नान, बिहार कांग्रेस पार्टी के महासचिव डा. शकील अहमद खान, जामियत ए अहले हदीश के सचिव मौलाना अजगर मदानी, कांग्रेस पार्टी के जिलाध्यक्ष एम. इसहाक आलम, जदयू के जिलाध्यक्ष प्रो. बुलन्द अख्तर हाशमी, तौहीद ट्रस्ट के पदाधिकारी अब्दुल रसीद आदि दर्जनों गणमान्य विद्वानों ने संबोधित किया और सभी ने एक जुबान से स्वर्गीय श्री मतीन को विशिष्ट सोच का व्यक्तित्व बताया। इस अवसर पर कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता सादिक समदानी, वार्ड पार्षद मोहम्मद युसुफ अली, मुर्शरत इकबाल, राहत संस्था की तरफ से निहाल अख्तर और विधायक अख्तरुल ईमान के प्रतिनिधि मोहम्मद इदू सहित हजारों विशिष्ट व्यक्ति सेमीनार में मौजूद थे।

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