तमाम सरकारी तामझाम एवं विभिन्न एजेंसियों की सक्रियता के बावजूद किशनगंज में तस्करी रूकने का नाम नहीं ले रही। यह व्यवसाय लगातार फलताफूलता दीख रहा है। चाहे यह अन्य वस्तुओं की तस्करी हो या फिर निरीह पशुओं की। किशनगंज के रास्ते पशु तस्करी बदस्तूर जारी है। पशु तस्कर इतना दबंग हो गए है जिसका प्रमाण तब मिला जब पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल स्थित ग्वालपोखर के विधायक अली इमरान रम्ज उर्फ विक्टर को पशु तस्करों के इशारे पर मवेशी से लदा ट्रक राष्ट्रीय राजमार्ग 31 पर रविवार की देरशाम को कुचलने का प्रयास किया।
स्थिति को भांप कर विधायक ने अपनी गाड़ी किसी तरह से सुरक्षित कर किशनगंज के पुलिस को मोबाइल में इसकी सूचना दी। सूचना मिलते ही पुलिस के गश्ती दल ने तस्कर को हिरासत में लिया और ट्रक संख्या ए।एस। 17 बी 0537 को जब्त कर थाना लाया गया। जब ट्रक की तलाशी ली गई तो मवेशी से भरा देख सब भौंचक रह गए। उधर विधायक ने किशनगंज थाने में एक प्राथमिकी दर्ज करायी है। वहीं गिरफ्तार तस्कर सिरजुद्दीन ने कई राज से पर्दा भी उठाया। उन्होंने इस धंधे में पांजीपाड़ा के कई तस्कर व कई सफेदपोशों का नामों का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि बिहार के डंगराहा बायसी और पश्चिमबंगाल के दालकोला और मल्लिकपुर से मवेशी से भरा 10 से 15 ट्रक किशनगंज के रास्ते असाम और पश्चिमबंगाल के बंगलादेश बोर्डर तक पहुंचाया जाता है, जहां से सभी पशु बंगलादेश भेज दिया जाता है।
पशु तस्करों द्वारा पशु क्रूरता अधिनियम का उल्लंघन सरेआम करता है लेकिन इसके रोकथाम के लिए जुटे गई एजेंसी तस्करों के कठपुतली बनकर रह गए है। यहां एक कहावते सटीक बैठता है का पर करू सिंगार पिया मोर आनहर। यहां बताते दे किए लगभग एक माह पूर्व अनुमंडलीय पुलिस पदाधिकारी कामनी बाला ने भी मवेशी तस्करों पर नकेल कसने का प्रयास किया था, तस्करी का मवेशी सहित एक ट्रक को जब्त करने में सफलता हासिल की थी। लेकिन तस्कर के उंचे पहुंच के कारण कार्रवाई सिफर रहा।
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