Thursday, January 14, 2010

बिहार में मालबरी उत्पादन के क्षेत्र में किशनगंज अव्वल : डीएम

जिला पदाधिकारी फेराक अहमद ने जिला में मालबरी सिल्क उत्पादन को प्रोत्साहन देने हेतु जिले के 25 मालबरी उत्पादकों को कीट पालन गृह निर्माण हेतु प्रथम किश्त के रूप में 15-15 हजार रुपये का चेक प्रदान किया। उन्होंने बताया कि किशनगंज के लिए यह गर्व की बात है कि मलबरी उत्पादन के क्षेत्र में किशनगंज पिछले पांच वर्षो से बिहार में प्रथम स्थान पर हैं। प्रारंभ में केन्द्रीय सिल्क बोर्ड के किशनगंज में पदस्थापित परियोजना पदाधिकारी डा। आर।के. पांडेय ने बताया कि 10 वीं पंच वर्षीय योजना में किशनगंज में 119.35 एकड़ में मलबरी की खेती किशनगंज प्रखंड के पानीसाल, मैदा, पीपलटोला, चामग्राम, लुकेन्द्रा, समजीबाड़ी, महेशबथना एवं काशीपुर गांव में होती थी। 198 मलबरी उत्पादकों ने दसवीं पंच वर्षीय योजना के अंतर्गत 49.2741 मैट्रिक टन मलबरी ककून्स का उत्पादन किया। इस अवधि में उनके बीच 41.0873 लाख रुपये बांटे गये और जिनके पास मलवरी उत्पादन हेतु मात्र आधा एकड़ जमीन है प्रतिवर्ष 15 हजार रुपये की आमदनी हुई।

ग्यारहवीं पंच वर्षीय योजना के तहत जिसकी शुरूआत फरवरी 09 में हुई 69 एकड़ मलबरी उत्पादन का क्षेत्र बढ़ा, 122 उत्पादकों को सहायता राशि हेतु चयन किया गया जिनमें से प्रथम प्रयास में प्रथम किश्त के रूप में कीटपालन गृह निर्माण हेतु 25 हजार की सहायता राशि उन्हें प्रदान करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। मलबरी उत्पादकों जिनमें प्रमुख हैं अलाउद्दीन, नाजिर, सोबरात्री, मरियम बेगम, रुबेदा बेगम, मतीउर रहमान आदि। समारोह में जिनकी उपस्थिति उल्लेखनीय रही उनमें प्रमुख हैं सिविल सर्जन आई.डी. रंजन, विशेष कार्य पदाधिकारी उदयशंकर चौधरी, सिल्क बोर्ड के दिनेश श्रीवास्तव, दिनेशचंद्र राय, रंजन कुमार आदि।

No comments:

Post a Comment